LED OLED and AMOLED Technology: अक्सर हम जब भी कोई नए स्मार्ट फ़ोन खरीदने के बारे में सोचते है तो हम सबसे पहले उस फ़ोन के स्पेसिफिकेशन की जानकारी लेते हैं। स्पेसिफिकेशन की जानकरी लेने के बाद हम उस फ़ोन के रैम के बारे में पता करते है। इसके बाद फ़ोन में कौनसा गिलास यूज़ किया गया है।आमतौर पर मोबाइल फ़ोन में एलसीडी, ओएलईडी, एमोलेड और टीएफटी आदि स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब ज्यादातर फ़ोन में टीएफटी का जिक्र कम होने लगा है। तो चलिए आज जानते है कौन सा स्क्रीन सबसे बेस्ट होता है।
LED OLED and AMOLED के बारे में जाने
एलईडी
हम में से ज्यादातर लोग इस तकनीक के बारे में नहीं जानते होंगे। जानकारी के लिए बता दे कि स्मार्ट डिसप्ले की जनक यही तकनीक है।
- बाद में बढ़ते टेक्नोलॉजी को देखते हुए इस तकनीक को अलग-अलग तरीके से बाँट दिया गया।
- Led का मतलब होता है ‘लाइट एमिटिंग डयोड्स।
- इस तकनीक की मदद से विडियो या इमेज डिसप्ले के को पिक्सल इमेज में बदल देता है।
- जिसके बाद वो तस्वीरे हमें साफ़ साफ़ दिखाई देने लगता है।
- एलईडी डिसप्ले का ब्राइटनेस इतना शानदार होता है कि इसे आउटडोर रोशनी में भी आसानी से देखा जा सकता है।
- इस तकनीक की खोज सन 1936 में की गयी थी।
- जर्मन और रूसी वैज्ञनिकों द्वारा एलईडी लाइट की खोज की गयी थी।
- पहली एलईडी लाइट रेड अर्थात लाल रंग की थी।
ओएलईडी
जानकारी के मुताबिक इस तकनीक के विकास में काफी समय लगा। लेकिन बढ़ते टेक्नोलॉजी को देखते हुए इस तकनीक का विस्तार बहुत ही जल्दी किया गया। ओएलईडी का मतलब होता है कि आर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड”। नाम से साफ़ पता चलता है कि यह तकनीक LED से ही मिलिती जुलती है। ओएलईडी डिसप्ले में आर्गेनिक कम्पाउंड के माध्यम से पिक्सल को रोशन करते हैं। हालंकि दोनों देखने में एक समान ही लगता है।लेकिन ओएलईडी डिसप्ले एलईडी के अपेक्षा काफी पतला होता है। OLED लेड के मुकाबले ज्यादा फ्लेक्सिबल होता है। इन दिनों OLED की तकनीक मोबाइल स्मार्ट टीवी में प्रयोग किया जाता है.। LED OLED and AMOLED के बारे में जानकर अब आपको पता चल ही गया होगा की ये इनमे क्या विशेषतायें हैं।
एमोलेड
यह भी LED की तरह ही पतला होता है। हालांकिटेक्नोलॉजी ज़माने में ओएलईडी को दो अलग—अलग स्वरूप में विकसित किया गया है। एमोलेड का मतलब होता है एक्टिव मैट्रिक्स आर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड। ओएलईडी की अपेक्षा ज्यादा फ्लैक्सिबल और पतला होता है। इसमें एक्टिव मैट्रिक्स तकनीक में रोशनी सिर्फ उन्हीं पिक्सल को एक्टिव करती है जिनकी जरूरत हो। आपको जानकर हैरानी होगी की इस तकनीक का इस्नोतेमाल सबसे पहले नोकिया के फ़ोन में किया गया था। किया ने एन85 और एन86 जैसे डिवाइस में एमोलेड डिसप्ले का उपयोग किया था। इसके बाद सैमसंग, सोनी, एचटीसी और वनप्लस सहित दूसरे निर्माताओं ने भी एमोलेड स्क्रीन वाले फोन पेश किए।
तो ये थी पूरी जानकारी LED OLED and AMOLED डिस्प्लै के बारे में आप को इसी तरह के और जानकारी हम समय समय पर लाते रहेंगे।
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