3.5mm audio: स्मार्ट फोन की दुनिया में हर दिन नए तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इन दिनों ज्यादातर स्मार्टफोन में ट्रिपल रियर कैमरे का इस्तेमाल हो रहा है। तो कई मोबाइल ऐसे भी मौजूद हैं जिनमें ड्यूल पॉप अप कैमरा मिल जाता है। इतना ही नहीं बढ़ते टेक्नोलॉजी को देखते हुए कम्पनी हर दिन स्मार्टफोन में कई बदलाव करते रहते है। आजकल के फोन में 3.5mm का ऑडियो जैक दिया जा रहा है। तो कई ऐसे फोन भी हैं जिनमें 3.7mm का ऑडियो जैक दिया जा रहा है। इनमें वनप्लस, हुआवई, शाओमी और अब सैमसंग का भी नाम शामिल हो गया है।वहीं खबरे आ रही है की सैमसंग ने अपने गैलेक्सी एम40 में से 3.5एमएम ऑडियो जैक को हटा दिया है जो कि मोबाइल यूजर्स के लिए किसी झटके से कम नहीं है। तो आइए जानते है 3.55 mm ऑडी जैक में क्या खास है।
पुराना ईयरफोन हो जाएगा बेकार..
मिली जानकारी के मुताबिक फोन में 3.5 एमएम ऑडियो जैक न होने के कारण आपका पुराना ईयरफोन बेकार हो जाएगा। ऐसा इसीलिए क्युकी कंपनी ज्यादातर फोन में नया यूएसबी टाइप सी जैक का इस्तेमाल करने जा रही है। पिछले कई दशक से यह ऑडियो जैक का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में लगभग हर किसी के पास 1-2, 3.5 एमएम ऑडियो जैक वाले प्रोडक्ट होते ही हैं। यदि सेल्स पैक के साथ आपको यूएसबी टाइप-सी वाला ईयरफोन मिला भी है तो उसका उपयोग आप किसी दूसरे प्रोडक्ट में नहीं कर पाएंगे।
ईयरफोन खरीदारी होगी महंगी
- इन दिनों मार्किट में 3.55mm वाला ऑडियो जैक ईयरफोन बहुत ही ककम दामों में उपलव्ध है
- अपने बजट के हिसाब से ईयरफोन को खरीद सकते है, लेकिन यूसएबी टाइप सी ईयरफोन काफी ज्यादा महंगा हो सकता है।
- इसके साथ ही ऐसे ईयरफोन फिलहाल काफी कम मात्रा में उपलव्ध है।
गेम खेलने या म्यूजिक सुनने ..
- आमतौर पर मोबाइल में आप गाना सुनाने के साथ फोन को चार्ज भी कर लेते थे, लेकिन ए.बी.ए. इसा नहीं होगा।
- नए स्मार्ट फोन में चार्जिंग और ऑडियो जैक का विकल्प एक ही पोर्ट में दिया गया है। एप्पल के लाइटनिंग चार्जर वाले फोन के साथ ऐसा नहीं है।
- मतलब साफ़ है की एक बार में एक ही काम तो कर सकते है।
- 3.5 एमएम ऑडियो जैक न होने का यह सबसे बड़ा नुकसान है।
ब्लूटूथ कनेक्टिविटी में बैटरी होगी कमजोर
- 3.5mm audio जैक न होने पर लोग ब्लूटूथ डिवाइस का यूज़ करंगे, ऐसा करने से आपके फोन की बैटरी लाइफ कम पड़ सकती है।
- साथ ही ब्लूटूथ हेडफोन को भी बार-बार चार्ज करना होता है।
- वहीं दूसरा नुकसान कि वायरलेस कनेक्टिविटी में ऑडियो क्वालिटी वह नहीं रह पाती जो कि वायर के साथ मिलती है।